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Dr.Anuja Bharti

Fantasy Inspirational

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Dr.Anuja Bharti

Fantasy Inspirational

मुसाफिर

मुसाफिर

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हम है इस धरती पर के अस्थायी मुसाफिर

एक न दिन मुझे जाना ही होगा।

अगर है कर्म खराब हमारा तो,

इसी जन्म में कर्मफल पाना ही होगा।

क्यों हम सताएं किसी को?

क्यों हम रुलाएं किसी को?

क्या लेकर हम आएं है?

क्या लेकर हम जाएंगे?

खाली हाथ आएं है हम,

खाली हाथ ही जायेंगे हम।

अगर कुछ जाएगा भी हमारे साथ

कर्मों का हिसाब-किताब ही जायेगा,

जैसा बीज बोयें है हम

वैसा ही फसल काटेंगे भी हम।


क्यों जलेंगे हम यहां एक दूसरे से

अंतिम समय जलकर खुद ही राख बन जाएंगे हम।

जीवन का उद्देश्य है हमारा

खुद भी चैन से जी लो और

सभी को जीने दो चैन की ज़िन्दगी।

जीवन के इस भागमभाग में

सब कुछ यहीं छूट जाएगा।

आगे बढ़ते चलो मुसाफिर

न ही किसी से जलो मुसाफिर

पल दो पल का ही है ये सफर

न जाने कब और कहां साथ छूट जायेगा??



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