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गुलशन खम्हारी प्रद्युम्न

Romance

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गुलशन खम्हारी प्रद्युम्न

Romance

मुक्तक..

मुक्तक..

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प्रेम प्यासी हो चुकी अब ध्यान हमपे दीजिए ।

सूजने लगते लबों पे अब कृपा तो कीजिए ।।

उम्र भर की आशिकी रख दी जरा जॉं भी रखो ।

ले चुके दिल को जरा अब साथ हमको लीजिए ।।


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