मुक्तक
मुक्तक


वो अभी नींद में है शब ढलेगी जागेगा
आज रूठा हो भले वक़्त मेरा आएगा
रोज़ हाथों की लकीरें ये बदल जाती हैं
कल जिसे खोया उसे वक़्त यहीं लाएगा
वो अभी नींद में है शब ढलेगी जागेगा
आज रूठा हो भले वक़्त मेरा आएगा
रोज़ हाथों की लकीरें ये बदल जाती हैं
कल जिसे खोया उसे वक़्त यहीं लाएगा