STORYMIRROR

मुक्तक

मुक्तक

1 min
183


वो अभी नींद में है शब ढलेगी जागेगा

आज रूठा हो भले वक़्त मेरा आएगा

रोज़ हाथों की लकीरें ये बदल जाती हैं

कल जिसे खोया उसे वक़्त यहीं लाएगा


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational