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हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Romance

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हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Romance

मुक्तक : मासूम हंसी

मुक्तक : मासूम हंसी

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तेरी मासूम हंसी ने दिल में तूफान उठाया है

नजरों ने कस कस के कातिल तीर चलाया है 

लूट कर ले गई सरे बाजार तेरी मतवाली चाल

काफिर होंठों के प्यालों ने तेरा दीवाना बनाया है. 



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