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लाल देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव

Abstract

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लाल देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव

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मुझे भारत से प्यार

मुझे भारत से प्यार

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मुझे बहुत भारत से प्यार,

मात पिता जैसा एतबार।

कोई मुझे दे हीरा व मोती,

न बन सकता मैं गद्दार।


मात पिता मेरे पालनहार,

देश से मिला जीवन सार।

प्रगति में हो मेरा योगदान,

देश की ख़ुशियों में निखार।


राष्ट्र का हो जय जय कार,

जाति धर्म का न तकरार।

आपस में मिल जुल रहते,

देश से मुझे बहुत है प्यार।


हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई,

मिल कर मनाते हैं त्यौहार।

होली, दीवाली या पड़े ईद,

गले मिल करें प्रीत इज़हार।


देश को कोई आँख दिखाए,

मिलकर करें उस पर प्रहार।

देश का आन बान शान रहें,

जिसके लिए रहते तैयार।


सत्य अहिंसा की राह चलें,

न करते कोई झूठा प्रचार।

परिश्रम से करते हैं उन्नति,

न करें कोई गलत व्यवहार।


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