मुहब्बत
मुहब्बत
वो हँसता हुआ चेहरा मुझसे बात करता है
ऑंखें मुंदते ही मुझ से इज़हार करता है
उसके ही ख्यालों में सोती और जगती हूं मैं
वो मुझसे बस बंद आँखों में ही प्यार करता है
वो हँसता हुआ चेहरा मुझसे बात करता है
मेरी ऑंखें बस दिन रैन उसको तका करती है
जाने वो क्यों किसी और पर मरा करता है
मेरे सपनों में आ हररोज़ मुझसे मिलता है
बातें मुझसे वो हजा़र करता है
वो हँसता हुआ चेहरा मुझसे बात करता है
दिल बस उसके ही ख्यालों में गुम रहता है
देख कर उसको मेरा चेहरा भी खिल जाता है
बस एक नज़र भर देख ले वो मुझको
दिल बस कुछ और न चाहता है
वो हँसता हुआ चेहरा मुझसे बात करता है
दिल बस ख़ुदा से उसे ही मांगा करता है
सोच कर हर पल उसे मुस्कुराया करता है
हकीकत से रूबरू है एक तरफा मुहब्बत की
आजकल हमारा दिल हमसे ही ज़बान लड़ाया करता है
वो हँसता हुआ चेहरा मुझसे बात करता है

