मतदान
मतदान
अब बीत गया वह राजतंत्र का जमाना,
हुकूमत की वह क्रूर ताना।
पकड़े लगाम हाथों में करे खींचातान।
करो सिंहासन खाली ,अब जनता कर रही मतदान।
चाहे उन्नति की धारा बहाओ,
या अपनी दिखाओ काली करतूत।
जनता की बारी भी आती है,
चाहे करो भ्रष्टाचार या लूट।
तय करेगी जनता ही, चाहे निकालो बड़-बखान।
करो सिंहासन खाली अब जनता कर रही मतदान।।
कोई बखान करे अपने कृत्य का,
कोई निकाले चुगली जुबान।
प्रतिद्वंदियों में होती है जब,
सिंहासन के लिए घमासान।
निखरती जब जनता की ताकत की पहचान,
करो सिंहासन खाली अब जनता कर रही मतदान।
अतीत के बीते दिन, सुखमय हो या दुर्दिन।
सत्ता की पीड़ा या खुशियां गिन -गिन।
अतीत से बेहतर सदा जनता आशावान ।
करो सिंहासन खाली अब जनता कर रही मतदान।।