Nitin Sharma
Drama Inspirational
ना तो कोई खुशी ही है
ना कोई गम
तन्हा हैं मगर
बड़े मस्त हैं हम !
मस्त
कद्रदान
नरसंहार का मतलब सिर्फ सामूहिक हत्या नहीं है, विनाश के स्तर तक, नरसंहार का मतलब सिर्फ सामूहिक हत्या नहीं है, विनाश के स्तर तक,
इस बिना शस्त्र के युद्ध में कितने अपने चले गए इस बिना शस्त्र के युद्ध में कितने अपने चले गए
मैंने इंसान की जान को कुछ रुपयों में बिकता देखा है मैंने एक हसीन ज़माने को तहस नहस होता देखा है...... मैंने इंसान की जान को कुछ रुपयों में बिकता देखा है मैंने एक हसीन ज़माने को तहस...
यद्यपि गाँव की शीतलता बहुत भाती है, पर शिथिलता यहाँ की अखरती है, यद्यपि गाँव की शीतलता बहुत भाती है, पर शिथिलता यहाँ की अखरती है,
वह भोर के तारे से अधिक गोरा, और चन्द्रमा से भी अधिक सफेद है, वह भोर के तारे से अधिक गोरा, और चन्द्रमा से भी अधिक सफेद है,
अम्मा क्या गई, कुछ दिनों के वास्ते अपनी अम्मा के घर ! अम्मा क्या गई, कुछ दिनों के वास्ते अपनी अम्मा के घर !
हाँँ ! वो उड़ना चाहती है उड़ना चाहती है गिरना चाहती है गिरकर उठना चाहती है पर वो रुकना नही चाहती, बस व... हाँँ ! वो उड़ना चाहती है उड़ना चाहती है गिरना चाहती है गिरकर उठना चाहती है पर वो र...
जा एकांत में छोड़ मुझे अभी चला जा, जा एकांत में छोड़ मुझे अभी चला जा।। जा एकांत में छोड़ मुझे अभी चला जा, जा एकांत में छोड़ मुझे अभी चला जा।।
मैं शब्दों की दुनिया में आया हूँ मनुष्य जाति की ओर से उनका शुक्रिया अदा करने। मैं शब्दों की दुनिया में आया हूँ मनुष्य जाति की ओर से उनका शुक्रिया अदा करने।
अपने विचार सकारात्मक रखें क्योंकि, आपके विचार आपके शब्द बन जाते हैं, अपने विचार सकारात्मक रखें क्योंकि, आपके विचार आपके शब्द बन जाते हैं,
देख-ए-इंसान, तेरे देश का हाल क्यूँ बदहाल है... देख-ए-इंसान, तेरे देश का हाल क्यूँ बदहाल है...
अब डर नहीं लगता, किसी के दूर जाने का, अब दिल नहीं करता, किसी से जुड़ जाने का...! अब डर नहीं लगता, किसी के दूर जाने का, अब दिल नहीं करता, किसी से जुड़ जाने का...!
ये 'बाबुल' सदा तेरे साथ है, जब-जब याद करेगी, अपने आस-पास ही पाएगी... ये 'बाबुल' सदा तेरे साथ है, जब-जब याद करेगी, अपने आस-पास ही पाएगी...
एकांत में भी हिन्दी को अपने पास ही पाया... एकांत में भी हिन्दी को अपने पास ही पाया...
माँ की कितनी बात सुनाऊँ, ममता की प्रतिमूर्ति ऐसी, देवी छोटी पड़ जाती है, धरती पे माँ कहलाती है। माँ की कितनी बात सुनाऊँ, ममता की प्रतिमूर्ति ऐसी, देवी छोटी पड़ जाती है, धरती प...
लंका में अग्निकांड भी मैं था लंका में अग्निकांड भी मैं था
कितनी बार ? वही पुरानी बात वही हालात कहूँ मैं... कितनी बार ? वही पुरानी बात वही हालात कहूँ मैं...
जीवन का दर्शन कराती यह कविता मनुष्य को उसके अस्तित्व के बार में बताती है । जीवन का दर्शन कराती यह कविता मनुष्य को उसके अस्तित्व के बार में बताती है ।
आतंकवादियों द्वारा हमला किया जा रहा है। जो धर्म के नाम पर मारते और नष्ट करते हैं। आतंकवादियों द्वारा हमला किया जा रहा है। जो धर्म के नाम पर मारते और नष्ट करते...
मुझे खुशी होगी तब, जब इस देश से इन शत्रुओं का, नामोंनिशान मिटाकर, आराम से धरती की गोद में, मिट्टी मे... मुझे खुशी होगी तब, जब इस देश से इन शत्रुओं का, नामोंनिशान मिटाकर, आराम से धरती क...