मृत्युभोज की मृत्यु
मृत्युभोज की मृत्यु
आज ये सामाजिक बुराई बहुत कम हुई है
मृत्यु भोज की कोरोनाकाल में मृत्यु हुई है
किसी के मरने पे होने पर होनेवाला मोसर,
रो रहा है आज अपने घुटनों पे रखकर सर
आज उसके जिस्म में रक्त की कमी हुई है
उसकी रूह आज छलनी-छलनी हुई है,
ख़ास के मृत्यु भोज सदा के लिये खत्म हो
अब और किसी का भी खेत गिरवी न हो,
हमारे,आपकी सोच में अच्छी वृद्धि हुई है
मृत्यु भोज की कोरोनाकाल में मृत्यु हुई है
सरकार की सख़्ती से,स्वयं की तख्ती से,
अब मृत्यु भोज की अंध भक्ति खत्म हुई है
अब मृत्यु भोज सदा के लिये खत्म करना है
केवल रीति-रिवाज का ही धर्म पूरा करना है
नही करना है अब खाना हज़ार लोगो का,
बंद करना है गोरख धंधा गंदे लोगो का,
मृतक को श्रदांजली देनी गर हमे सच्ची,
उसके निमित अच्छे कर्मो की करनी वृद्धि
मृत्यु भोज की कोरोनाकाल में मृत्यु हुई है
सबके प्रयासों से ये कुरीति अब बंद हुई है।