मृत्यु
मृत्यु
मृत्यु क्या है
सत्य है
शाश्वत है
स्वागतम्
मुक्ति है जीवन से
नर्क एवं स्वर्ग से
पीड़ा एवम् दर्द से
पूर्ण शांति है
जीवन कलरव से-
निर्द्वंद , निर्विकल्प है
निष्ठुर , निरंकुश है-
निश्चित है
अभिनंदन
नियत पथ की अनुगामिनी
काली रात का है अंधकार
या सुहानी भोर का उजास
शाप है या वरदान
दिल दहलाती है, रुलाती है
निःश्रेयस है
निश्छल, निष्कपट है
निराकार, निर्विकार है
सम है विषम नहीं
राजा है या रंक
सुखी है या दुःखी
निर्धन है या धनी
साम्य तुम्हारी दृष्टि में
अबूझ पहेली है
गूढ रहस्य है
कोई न जाने
क्या है ?
मानव स्वीकारो सच को
जीवन का
शाश्वत सत्य है मृत्यु।