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Sanjeev Arya #साहिब

Tragedy

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Sanjeev Arya #साहिब

Tragedy

मरने से मुश्किल जीना

मरने से मुश्किल जीना

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मरने से ज्यादा तकलीफ देय है

जीना यहां...

जहर पीने से मुश्किल है

आंसू पीना यहां...

चिता बेहतर होती होगी शायद

एक बार में सुला देती है

ईन मखमली बिस्तर पर तो

अब नींद कहाँ आती है

जलने से मुश्किल है

हर पल ज़ख्म सीना यहाँ...

जिम्मेदारियों का बोझ अब

चलने नहीं देता है

आँखों का पानी अब

जिस्म को बलने नहीं देता है

किसी को है इंतजार मेरा, घर पे

जो कहीं रुकने नहीं देता है

ज़ाम से ज्यादा मुश्किल है

पानी पीना यहाँ...

मरने का दर्द कैसा होगा??

क्य़ा जीने के ही जैसा होगा??

अब आँसू ही साथ होंगे शायद

मुस्कुराना तो सब ने

छीना यहाँ...

मरने से मुश्किल है साहिब

सकूं से जीना यहाँ।



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