तुझे मेरा नमन
तुझे मेरा नमन
नभ तक, जल तक, धरा तक...
इस फैली असीम वसुंधरा तक
अनन्त विशाल फैले क्षितिज तक
सोच से गहरे जल तक
आज तक और कल तक
तू था तू है तू रहेगा
मेरे देश मेरे भारत मेरे वतन
तुझे साहिब का कोटि कोटि नमन...
जय हिंद!
