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Alok Dixit

Inspirational

4  

Alok Dixit

Inspirational

मोटिवेशनल

मोटिवेशनल

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1)जीवन एक कागज़ की तरह है,

इसको अखबार बनाना है

या किताब पर चढ़ाना है,

यह आप पर निर्भर करता है।


2)मैंने मेहनत से पूछा फल कहां है

मेहनत मुस्कराया और बोला

आज से पूछते हो कल कहां है।।


3) बड़ा बनने का ख्वाब इस कदर ढह गया।

न बड़ा बना और न छोटा रह गया।।


4)हमारी एक उम्मीद क्या टूटी,हम टूटने लगे

सब अपने थे सारे, जो अब रूठने लगे


5) जो राधा प्रेम दीवानी न होती

   तो घर घर राधा की कहानी न होती

   कहने को पत्नी आठ थी, बंधी हुई वह गांठ थी

  प्रेम निशानी तो होती,लेकिन अमर कहानी न होती।।


6)लक्ष्य बड़ा रखो।।

मेहनत पर पहरा कड़ा रखो

मुसीबत कैसे भी आए

अंगद जैसे पैर गड़ा रखो।।

आयेंगे राम रक्षा करने

बस उन पर भरोसा बड़ा रखो।। 


7) हम आप लोगों के बीच हैं एक तारा बनकर।

आप लोगों का प्यार मिला,तो चमकेंगे

एक दिन सितारा बनकर।।


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