मोहब्बत कैसी भी हो
मोहब्बत कैसी भी हो
मोहब्बत कैसी भी हो,
पाने के लिये हम हद से गुजर जाऐगे।
तुम्हारी गलियों से जब भी गुजरे गे,
नाम तुम्हारा पुकारते जाऐगे।
रास्ते कठिन हो तो क्या,
कांटों पर भी चलते जाऐगे।
फूल मिले या अंगारे,
तू मेरी रानी और मे तेरा राजा बनकर,
यह जिंदगी गुजार देंगे।
इस जनम मे उम्र अगर कम पडे,
तो खुदा से और माग लेंगे,
यमराज भी अगर सामने आये,
तो ये मृदुल मन उसे भी मात देगा।
मोहब्बत कैसी भी हो, हम उसे पा लेंगे।