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Kuldeep Parmar(સ્પર્શ)

Romance

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Kuldeep Parmar(સ્પર્શ)

Romance

मोहब्बत हमारी अधूरी रह गई

मोहब्बत हमारी अधूरी रह गई

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हम उन्हें इस कदर मनाने लगे,

की उन्हें हमारी कदर ही ना रही।

और मोहब्बत हमारी अधूरी रह गई।

हम उनमे इतना डूब चुके थे,

की वो हमे डूबा के चले गये।

और मोहब्बत हमारी अधूरी रह गई।

हम उनसे हर वक्त साथ निभाना चाहा,

और वो हमारा साथ दुनिया के बीच में छोडकर चले गए।

और मोहब्बत हमारी अधूरी रह गई।

हम ने उन्हें दुनिया की हर खुशी देना चाही,

और वो हमारी खुशियाँ ही छिन के ले गए।

और मोहब्बत हमारी अधूरी रह गई।

हम ने उनकी ज़िन्दगी में कोई दर्द न आये

ऐसा करने की कोशिश की,

और वो हमारी ज़िंदगी ही दर्दनाक बनाके चले गये।

और मोहब्बत हमारी अधूरी रह गई।


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