Azhar Shahid
Abstract
ना-समझ इश्क़ में यूहीं दिल वार गए थे
इसलिए भी हमारे फैसले बेकार गए थे
हम मोहब्बत वालों की लड़ाई मज़हब से थी
हम लड़ भी नहीं सके थे और हार गए थे।
मोहब्बत और मज...
इश्क़ का दर्द
लफ्ज़ क़लम के
इंसान की मजबू...
बदलते हालात क...
वक्त
और हाँ आज बहुत सुकून था मेरे चेहरे पर ये देखकर। और हाँ आज बहुत सुकून था मेरे चेहरे पर ये देखकर।
वे पंच तत्व में विलीन हो गए परंतु मैं इस बात से सहमत नहीं हूं। वे पंच तत्व में विलीन हो गए परंतु मैं इस बात से सहमत नहीं हूं।
एक पल गुज़र गया सालों की तरह और ज़िंदगी बीत गई दूरियाँ मिटाने में। एक पल गुज़र गया सालों की तरह और ज़िंदगी बीत गई दूरियाँ मिटाने में।
अपनी बाहरी दृष्टि से किसी की आंतरिक क्षमताओं का अनुमान लगाने वाले अक्सर चूक कर देते है। अपनी बाहरी दृष्टि से किसी की आंतरिक क्षमताओं का अनुमान लगाने वाले अक्सर चूक कर द...
हे सेवाग्रामी गुरु के महान शिष्य,तुने कर दिया कमाल। हे सेवाग्रामी गुरु के महान शिष्य,तुने कर दिया कमाल।
चित्रगुप्त जी ********** मानस ब्रह्मा पुत्र हैं, चित्रगुप्त शुभ नाम। ह... चित्रगुप्त जी ********** मानस ब्रह्मा पुत्र हैं, चित्रगुप्त&nb...
इस शहर की हम सबसे बिंदास लड़कियाँ थीं। इस शहर की हम सबसे बिंदास लड़कियाँ थीं।
तेरे हाथ की वह गरम रोटियां, बहुत याद आती है, जो ससुराल में तवे पर ही ठंडी हो जाती ह तेरे हाथ की वह गरम रोटियां, बहुत याद आती है, जो ससुराल में तवे पर ही ठंड...
अपने जन्मदिन के अवसर पर पेड़ लगाये गे। सृष्टि को सजा कर। सुख ही सुख जीवन मे पायेगे। अपने जन्मदिन के अवसर पर पेड़ लगाये गे। सृष्टि को सजा कर। सुख ही सुख जीवन म...
मौत हूं मैं, इस ब्रह्मांड में मुझसे कोई जीत नहीं सकता, राजा हो या रंक, मेरे आगे कभी कोई टिक नहीं स... मौत हूं मैं, इस ब्रह्मांड में मुझसे कोई जीत नहीं सकता, राजा हो या रंक, मेरे आग...
मानव-मन का एक सहारा अंधकार-मय बने मनुज मन, आज यही संकल्प हमारा मानव-मन का एक सहारा अंधकार-मय बने मनुज मन, आज यही संकल्प हमारा
अचानक हवा में लहराते हुए शंखनाद गूँज उठा जैसे कि कोई युद्धभेरी, युद्ध के ख़त्म होने का ऐलान कर रही ... अचानक हवा में लहराते हुए शंखनाद गूँज उठा जैसे कि कोई युद्धभेरी, युद्ध के ख़त्म ...
तोड़ दे ! तोड़ दे उन बन्धनों को, तेरी कायरता को मैंने आज ललकार है। तोड़ दे ! तोड़ दे उन बन्धनों को, तेरी कायरता को मैंने आज ललकार है।
आखिर हमारे आपके हम सबके राम जी अपने धाम जो पधार रहे हैं। आखिर हमारे आपके हम सबके राम जी अपने धाम जो पधार रहे हैं।
आज उसे अपने पापा के चेहरे पर असीम आत्मिक सूकून नजर आ रहा था। आज उसे अपने पापा के चेहरे पर असीम आत्मिक सूकून नजर आ रहा था।
बसंत सी खिली हुई हसीन बंद आंखें और मुरझाई हुई कली सी। बसंत सी खिली हुई हसीन बंद आंखें और मुरझाई हुई कली सी।
ब आप सब एक जैसे नहीं हैं तो हमें एक ढ़ांचे में ढ़ालने की कोशिश क्यों करतें हैं ? ब आप सब एक जैसे नहीं हैं तो हमें एक ढ़ांचे में ढ़ालने की कोशिश क्यों करतें हैं ?
तुम्हें मुझसे कोई शिकायत न रहेंगी और यकीनन तुम्हारी और मेरी बेहद खूबसूरत-सी यारी हो तुम्हें मुझसे कोई शिकायत न रहेंगी और यकीनन तुम्हारी और मेरी बेहद खूबसूरत...
हाँ उन्हीं अपनों को, तलाश रही हैं मेरी आँखें, जिनके लिए मेरे पास, सम्पूर्ण जीवन, सम... हाँ उन्हीं अपनों को, तलाश रही हैं मेरी आँखें, जिनके लिए मेरे पास, सम्प...
दिल की दहलीज़ पर, प्यार के कुछ कदम, बेख़ौफ़, बेफ़िक्र, रखते चलो, रखते चलो| दिल की दहलीज़ पर, प्यार के कुछ कदम, बेख़ौफ़, बेफ़िक्र, रखते चलो, रखते चलो|