मंज़िल पाना है
मंज़िल पाना है
दुनिया की बंदिशें तोड़
मैं अपनी मंजिल कि ओर बड़ चला
आसमान को छूने के लिए
मेहनत की सीढ़ी पर चड़ चला
आसमान की सीमा को छूने के लिए
मैं परिंदा बन उड़ चला
किसी और के लिए क्यों
अपने रास्तों से मूँड़ूँ भला
दिन रात मेहनत कर
अपने सपने को पाना है
जीवन एक संघर्ष है, एक चुनौती है
यह मैंने दिल से माना है
मुझे सिर्फ जीतना है वरना
हारने से बेहतर तो मरना है।