STORYMIRROR

Rashmi Lata Mishra

Abstract

3  

Rashmi Lata Mishra

Abstract

मंगल ग्रह

मंगल ग्रह

1 min
783

पहुंचा वैज्ञानिक जब अंतरिक्ष में ढूंढने मंगल ग्रह,

समझने उसके हालात प्रसन्न हुआ हुआ आज,

देख सुन समझ यह बात।

 जीवन वहां भी है,


जल का कल कल, पर्वतीय श्रृंखलाएं,

झूमती हरियाली और

मंगल ग्रह के प्यारे वासी।


किसी के हाथ भाला,

तो मशाल किसी ने संभाली

घेर अजनबी को

घूरती निगाहें उस पर डाली।


तब मुस्कुराया धरती का मानव

फलती देख अपनी तपस्या वर्षों बाद।

ना घबराओ मैं तुम्हे नुकसान नहीं पहुंचाऊंगा।

मित्र बनाने आया हूं

 मित्र बना कर जाऊंगा।


धरती पर बढ़ रहा, जनसंख्या

का बोझ,उसे कम करने

की कवायद लगाऊंगा।

 समझाउंगा धरा वासियों को मैं

और धरती के प्राणियों को,

मंगल ग्रह पर बसाउंगा।


क्योंकि यहां जीवन है,

आसार हैं बसाहट के

आओ मिले हम भाई भाई,

साक्षी बने दो ग्रहों को मिलाने के,

 दो ग्रहों को मिलाने के।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract