मन
मन
मन में हो सुविचार
कर्म को बना आधार
सेवा भाव रखकर
जीवन बिताइए।
मन में प्रभु का वास
पल पल चले साँस
प्रभु से मिलन के
पथ को सजाइए।
मन से ही जीत मिले
मन के हारे है हार
हार जीत का ये सब
अंतर मिटाइए।
मन को न भटकाना
भोग में न डूब जाना
त्याग की भावना रख
अहं को भगाइए।