मन
मन
आज मन का मन को
क्या हो गया..
ना जाने क्यों चुप सा
बैठ गया..
दूर रह मेरे से
ऐसा मैंने कह दिया..
बातें ऐसा करता है
सिर मेरा घूमा देता है..
क्या करूं मैं भी
परेशान कर देता है..
कहती हूँ...
छोड़ो सब बातें
हर बात मन से लगाना..
मानता कहां है
अपना रट लगाए
रहता है..
जो भी हो..
मन तो मेरा है..
कुछ देर बाद ही
वापस आ जाता है..।