मैं.....
मैं.....
मैं किसी और नहीं
खुद को धोखा देती हूँ..
मन को काबू करने की
हर जुगत लगाती हूँ..
जहां जरूरत हो भगवान की
बुला उन्हें भी लेती हूँ..
मैं किसी और को नहीं
खुद को धोखा देती हूँ..।
मैं किसी और नहीं
खुद को धोखा देती हूँ..
मन को काबू करने की
हर जुगत लगाती हूँ..
जहां जरूरत हो भगवान की
बुला उन्हें भी लेती हूँ..
मैं किसी और को नहीं
खुद को धोखा देती हूँ..।