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Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

मन

मन

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राह दिखाता अपना मन है

राह भटकाता अपना मन है

संभाल कर रखो ये मन है

मन संभले, संभलता तन है

मन के कहिए न चलिए,

मन बड़ा ही नीच जन है

संभाल कर रखो ये मन है

मन चंचल है, मन चोर है

मन को वश में रखिये,

मन बड़ा ही मुंहजोर है

जो रखता मन को वश,

पार कर लेता वो वन है

मन को प्रबल बनाइये,

मन को सबल बनाइये,

मन को अच्छी राह दिखाये,

मन जीत गये,जग जीत गये

अच्छे मन से जीतते रण है

संभाल कर रखो ये मन है

मिलेंगे सफलता के चरण है


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