मन
मन
भावनाओं की प्रतिक्रिया हैं मन,
मन की भावनाओं को,
जानने की शक्ति
किसी को नहीं हैं,
मन कितनी कोमल हो,
मानव की सोच भी,
उतना ही कोमल होगा,
पर
भावनाओं को ठेस पहुंची तो,
मन अपनी बात खुद न
सुनती,
मनुष्य को भी ग़लत
रास्ते में लेकर जाती,
इसलिए, हे ! मनुष्य
भावनाओं से खेलना मत,
भावनाओं को समझने की
कोशिश करो ! कोशिश करो !
