मलाल क्यों...???
मलाल क्यों...???
जीवन में कुछ करना है
तो निर्णय तो लेना होगा
राह हो पथरीली तो क्या
अकेले भी चलना होगा
एक नन्ही सी लड़की
आँखों में सपने लिये
छोटे से गाँव में रहती थी
डॉक्टर बनना चाहती थी
बड़े पसोपेश में थे सब
अकेली लड़की भला
लड़कों के साथ कैसे पढ़ेगी
कैसे सब प्रबंधन करेगी
जो पीछे हट जाती वो
या फिर डर जाती वो
सपने कैसे पूरे करती
खुद को कैसे समझाती वो
एक मूलमंत्र बना कर रख लो
ज़िंदगी में कभी डरना नहीं
हार मान कर बैठना नहीं
मंज़िल मिले न मिले कोई गम नहीं
हौसले तो बढ़ जायेंगे
कोई मलाल दिल में तो
रह नहीं जायेंगे...