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Dheeraj kumar shukla darsh

Inspirational

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Dheeraj kumar shukla darsh

Inspirational

मिट्टी

मिट्टी

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मिट्टी से बना शरीर हमारा

मिट्टी में मिल जाना है

मिट्टी अगर रही नहीं तो

अन्न कहाँ से पाना है


प्रदुषण का स्तर देखो

माटी में मिलने वालों

जो आज नहीं चेते हम तो

भूखे ही मर जाना है


पॉलिथीन से अटी पड़ी है

धरती माता की गोद यहाँ

कैसे उपजेगा अन्न फिर

जो मिट्टी हुई समाप्त यहाँ


आगे बढ़ो रोको प्रदुषण

मिट्टी को दो नवजीवन

यही होगा धरती हेतु

मानव का नव अभिवादन।


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