STORYMIRROR

हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Inspirational Others

3  

हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Inspirational Others

मिट्टी के खिलौने

मिट्टी के खिलौने

1 min
181

जिधर देखो उधर खिलौने 

सबके सब मिट्टी से बने हुये 

कोई राजा तो कोई भिखारी 

कोई सेवक तो कोई दरबारी 

कोई जज कोई अपराधी 

कोई डॉक्टर, नर्स, मरीज 

तो किसी की काली, खाकी वर्दी। 

सब अपनी अकड़ में अमचूर 

सत्ता, धन दौलत, ताकत में चूर 

भगवान को भी ठेंगा दिखाने लगे

"जनक" को भी आंखें दिखाने लगे 

मिट्टी के खिलौनों के दंभ पर 

एक दिन ईश्वर को बड़ा गुस्सा आया 

जरा सी भृकुटि टेढ़ी की और 

एक भयानक सा भूकंप आया 

सारे खिलौने मिट्टी में मिल गये 

सामने ईश्वर को देखकर हिल गये

जिसे ठेंगा दिखा रहे थे वही नियंता है

इस सत्य को शायद वे भूल गए । 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational