महुआ फूले..
महुआ फूले..
महुआ फूले सारी रात,
सुबह गिरे धरा पर अपने आप,
हल्के पीले रंग के फूल,
पत्ती लाल झड़े तो आयें फूल।
गर्मी का मौसम आता,
वनवासी होते परेशान,
भोजन का साधन न रहता,
खेत में मजदूरी का काम न रहता।
रात में गॉंव आ जाता पेड़ के नीचे
छोटे बड़े सभी बटोरते फूल।
पेड़ पर चढ़ना नहीं पड़ता,
अपने आप फूल आयें पास।
रात बितायें पेड़ के नीचे,
फूल खायें ताजे-ताजे,
फूल खायें पकाकर के,
जीवन काटें महुआ सहारे।
महुआ का पेड़ दे तेल भी,
तेल खायें और जलायें भी,
खाना बनायें, दीप जलायें,
सचमुच का वरदान है यह।