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Vijay Kumar parashar "साखी"

Abstract

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Vijay Kumar parashar "साखी"

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महक

महक

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महक फूलो की होती है या शूलों की

महक काम की होती है या आलस की


ये हम पर निर्भर करता है,किसे चुनते है

रोशनी अमावस की होती है या पूनम की


दिखने में बड़ा हो,काम मे छोटा हो

छाया खजूर की होती है या बम्बूल की


महक फूलो की होती है या शूलों की

जिस्म की ताक़त में हाथी बड़ा होता है


इंसान हाथी की तुलना में अदना होता है

ताकत जिस्म की होती है या अक्ल की।


दिखने में सुंदर बड़ा ही केसू का फूल है

सुंदरता गुणों की होती है या रूप की


कछुआ सौ साल जीता है,अश्व कुछ उम्र,

जिंदगी साहस की होती है या जिस्म की


कौरव सौ थे,पांडव सिर्फ़ पाँच ही थे,

जीत सदा सत्य की होती है असत्य की।


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