महान भारत
महान भारत
संसार सैकड़ों देशों का, भारत सा कोई देश नहीं।
१- भारत भूमि भण्डार भरी, रत्नों की कोई कमी नहीं।
सुख शांति संत समागम की, उपमा दुनिया में कहीं नहीं।।
२ यहां राम कृष्ण अवतार हुए, वे निराकार साकार हुए ।
भगवान की भक्ति महकती है, इस धरा सा पावन स्वर्ग नहीं।
३ पावन पुनीत पुण्यों की भूमि, संस्कार सुमन से खिलते हैं।
कई भक्त शिरोमणि हुए यहां प्रहलाद ध्रुव सी जोड़ी नहीं ।।
४ सतियों का सत्य पति वृता यहां, सम्मान सदा नारी का यहां।।
चारों युग से इतिहास यहां, गीता सा अमृत और नहीं।।