मेरा भारत
मेरा भारत
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हमारे भारत की खासियत से,
सारी दुनिया सीख रही है।
हमारी भूमि के रज कणों से,
प्यार की खुशबू महक रही है।
1)युगों युगों से है ज्ञान गंगा,
कभी न हम करते कोई दंगा।
संस्कृति संस्कार निराले,
ऋषियों के हैं तप के उजाले।
वेद ऋचाओं की वाणी देखो,
काग से हंसा बना रही है।
हमारे भारत.............
2)नारी का सम्मान यहां है,
वीरों का सम्मान यहां है।
राम कृष्ण की भूमि है प्यारी,
हम सबको है प्राणों से प्यारी।
भक्ति भाव और श्रद्धा को देखो,
सुधा की बूंदें बरस रही हैं।
हमारे भारत...............
रचनाकार-सियाराम धाकड़ (प्राथमिक शिक्षक)
खापरखेड़ा इटुआ
जिला-रायसेन (मध्यप्रदेश)