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Subhangi Sahoo XI-H -41

Tragedy

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Subhangi Sahoo XI-H -41

Tragedy

मगर!

मगर!

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हम खुद को आप में ढूँढने कि कोशिश करते है

मगर धुंधला सा दिखता है।

पता नहीं क्या कमी रह गई

जितना ढूंढो प्यार नहीं मिलता है।

सब में आपका चेहरा ढूँढने कि कोशिश करते है

मगर खुद को रोक लेते है।


आपके पास जाने की कोशिश करते है 

पर पता नहीं हमेशा अपने आप को टोक देते है।

अपने आप को आपके साथ देखने की कोशिश करते है

मगर दिल साथ नहीं देता।

जितना नफरत करने की कोशिश करते है

उतना ही प्यार आ जाता।


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