मेरी सच्ची दोस्त
मेरी सच्ची दोस्त
वो जो हर पल मेरे साथ,
मेरा ढाल बनकर खड़ी रहती है !
हर मुश्किल का हल निकल आता है,
उसके साथ रहने से।
मैं जहाँ भी जाऊँ साथ कोई रहे या न रहे!
हमेशा मेरे साथ इक नटखट मुस्कान रहती है।
उसके जिंदगी में आने से ही तो,
तो अब संग जीना भी अच्छा लगता है !
मेरे जीने की वज़ह बन गयी है वो,
उसको अब एक पल भी जिंदगी से दूर नहीं रखकर देखूंगा तो,
उसके बिना जिंदगी शून्य है मेरी!
बिल्कुल उद्देश्यहीन, निरर्थक , खालीपन !
मगर सच तो ये है की उसको एक पल भी ख़ुद से दूर रखकर न देखा है न ही कभी
देख पाउंगा !
वो सच्चा दोस्त है मेरी ,मेरी हमसफर
मेरी जीने की वज़ह यानी मेरी जान।
हर मुसीबत में जब पड़ता हूं तो,
तो कहती है कि क्यूँ ज्यादा सोचते हो?
मैं हूं न तुम्हारे साथ !
और सबकुछ अच्छा होता है।
सच में जब से वो मेरे जिंदगी में आयी है !
सबकुछ अच्छा लगता है, सबकुछ अच्छा होता है
नयी पहचान मिली है उसकी मुस्कान से मुझे ,
आख़िर मेरी रूह की आवाज़ और दिल की अल्फाज़ है वो मेरी।
मेरी सच्चा दोस्त! मेरी हमसफर!
मेरी होठों की मुस्कान है वो मेरी!
मेरी जान है वो मेरी ।
मेरी सच्चा दोस्त।