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Anupam Mishra

Inspirational

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Anupam Mishra

Inspirational

मेरी माँ

मेरी माँ

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जब भी लड़खड़ायी

तू पास ही मिली,

नींद में जब चिल्लायी,

गोद तुम्हारी मिली,

चाहे मैं जहाँ भी रही

तेरी नजर मुझ पर ही टिकी,

मेरी हर बात व्यवहार की,

तुझे हमेशा ही फिक्र रही,

तेरे डाँट व प्यार से पल कर

मैं धीरे धीरे बढ़ती गयी,

न जाने कब मैं इतनी बड़ी हो गयी

कि तेरी बेटी से मैं एक माँ बन गयी।


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