"मेरी खूबसूरत ग़ज़ल हो तुम"
"मेरी खूबसूरत ग़ज़ल हो तुम"
तुम्हारी सुन्दरता पर
क्या लेख लिखा जाए...।
देखकर तुम्हारी सुन्दरता को,
शायर भी अपनी गजल भूल जाए...।।
गुजरते हो तुम जिस भी राह से
वो रास्ते भी गुलशन बन जाएं...।
तुम्हारी चाल को देखकर तो
मोर भी नाचना भूल जाए...।।
जब तुम मेरे ख्यालों में आते हो,
मेरे ख्याल भी तब शर्मा जाएं...।
देखकर तस्वीर को तुम्हारी
आईना भी मेरा अक्स भूल जाए...।।
हम तो खुद का नाम भी पहचान नहीं
पाते, जब नाम तुम्हारा जुबान पर आ जाए...।
आँखों की हया को कैसे समझाएं,
ये तो तुमको देखकर खुद को भूल जाए...।।