मेरी खुशियाँ, मेरे घर में
मेरी खुशियाँ, मेरे घर में
मेरा घर छोटा–सा ही पर,
मेरे घर में रहनेवालों का दिल बहुत ही बड़ा है।
मैं महँगी वस्तुओं से नहीं,
मैं बेला, गुलाब, गुड़हल, चंपा, चमेली फूलों से,
घर को सजा कर रखती हूँ।
मैं घर से बाहर कहीं जाती हूँ तो
मुड़ - मुड़ के बार - बार घर को देखती हूँ।
मेरे प्राण घर के कोने – कोने में बसते हैं,
मुझे अपने घर में सुकून मिलता है।
मेरा घर मंदिर है और मेरे माता - पिता भगवान,
रोज़ सुबह – शाम दीपक जलाती हूँ,
सब ख़ुश रहे यही दुआ माँगती हूँ।
मेरे घर की रौनक हमेशा बनी रहे,
बच्चों को अच्छे संस्कार देती हूँ,
मैं जानती हूँ, यही मेरे धन - दौलत हैं,
इन्हीं से मेरे घर की खुशियाँ हैं।