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Ekta Kochar relan

Abstract

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Ekta Kochar relan

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मेरे वीर

मेरे वीर

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सलमात रहे मेरे वीर,

जुग-जुग जिएं मेरे वीर।

इन पर मैं वारी जाऊं,

ये सुखी तो मुझे सुकून।


निश्छल इनका प्यार है,

सर आंखों पर बिठाते हैं।

खूब लाड़ लड़ाते हैं ,

देख कर मुझको खुश-

ये खुश हो जाते हैं।


तकलीफ़ में ये,

कभी बरगद बन जाते हैं।

कभी मोम सा पिघल जाते हैं।

बचपन की वो प्यारी यादें,

कभी झगड़ते कभी समझते।


कभी न करते थे बात,

जीने के थे अलग अंदाज।

पर ये मेरी खुशियों का राज़,

सुख-दुख में साथ खड़े हैं।


अटूट बंधन में बंधे है,

बहना की है यही दुआएं।

सलामत रहे मेरे वीर,

जुग-जुग जिए मेरे वीर।


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