S L Khadoliya
Drama
छुड़ा माँ का आँचल,
जमा करा दिया मुझे,
विद्या की दुकानो में।
किसी को क्या मालूम,
कितना बोझ था किताब में ।
मेरे सपने
कहीं चिलचिलाती धूप है तो कहीं छांव है l इस सफर में लगा जिंदगी का दाम है l कहीं चिलचिलाती धूप है तो कहीं छांव है l इस सफर में लगा जिंदगी का दाम है l
जिस दिन दिखेगी खुद की कमी उस दिन खुलेगी आपकी आंख जिस दिन दिखेगी खुद की कमी उस दिन खुलेगी आपकी आंख
काग़ज को इतना है सहेजा कचरा सा लगे अब जीवन मेरा। काग़ज को इतना है सहेजा कचरा सा लगे अब जीवन मेरा।
हर बार नये साहिल तक पहुचने से पहले अपना रास्ता बदल लेती है घबराया था मन उस में काफी या हर बार नये साहिल तक पहुचने से पहले अपना रास्ता बदल लेती है घबराया था मन उस मे...
तेरा साथ हो हाथों में हाथ हो हर जन्म तुझको चुनना हो। तेरा साथ हो हाथों में हाथ हो हर जन्म तुझको चुनना हो।
मोहब्बत एक खूबसूरत फ़साना है l मोहब्बत सदा साथ निभाना है l मोहब्बत एक खूबसूरत फ़साना है l मोहब्बत सदा साथ निभाना है l
शुक्र है खुदा...आप जैसी भूख नहीं हमें.. दो रोटी...चम्मच भर चावल इसमें ही थमे. शुक्र है खुदा...आप जैसी भूख नहीं हमें.. दो रोटी...चम्मच भर चावल इसमें ही थमे.
जो दुआ थी मेरी, उसका दिल तोड़ आया हूं मैं।। जिसे टूटकर चाहा जो दुआ थी मेरी, उसका दिल तोड़ आया हूं मैं।। जिसे टूटकर चाहा
रात तो ढल गई तेरे इंतज़ार में पर वो अधूरी किताब को पूरा करना भी है। रात तो ढल गई तेरे इंतज़ार में पर वो अधूरी किताब को पूरा करना भी है।
ख्वाब टूटे मेरे कांच जैसे ख्वाब कोई दिखाना नहीं है ख्वाब टूटे मेरे कांच जैसे ख्वाब कोई दिखाना नहीं है
कर्म फल को त्याग कर, धारण कर तू धर्म कोl कर्म फल को त्याग कर, धारण कर तू धर्म कोl
कुछ बात मेरे मन की जिसे मैंने कहना चाहा तो खुद को ही पाया सुनाने को। कुछ बात मेरे मन की जिसे मैंने कहना चाहा तो खुद को ही पाया सुनाने को।
संग मेरे चलना, हमेशा हर दम, हर पल, हर दफ़ा। संग मेरे चलना, हमेशा हर दम, हर पल, हर दफ़ा।
बस इसी जंजीर को टोड़ना है खुद के सुकून को खुद में ढूंढना है..... बस इसी जंजीर को टोड़ना है खुद के सुकून को खुद में ढूंढना है.....
रिश्ता बनाए रखने के लिए सच्चा प्रेम जरूरी है l प्रेम फूलों की खुशबू, प्रेम बसंत की ऋ रिश्ता बनाए रखने के लिए सच्चा प्रेम जरूरी है l प्रेम फूलों की खुशबू, प्रेम ब...
वादा निभा गई रात पागल करने लगी। वादा निभा गई रात पागल करने लगी।
मैंने बाबुल की झुकी पगड़ी को देखा, मेरे लिए उन्हें किसी के आगे झुकते देखा, मैंने बाबुल की झुकी पगड़ी को देखा, मेरे लिए उन्हें किसी के आगे झुकते देखा,
अकेला था तू, अकेला ही तू चल खुद में ही छुपे हैं खुशियों के पल- 2 अकेला था तू, अकेला ही तू चल खुद में ही छुपे हैं खुशियों के पल- 2
दिखे हज़ारों लोग सदा पर कोई किसी को ना भाया। दिखे हज़ारों लोग सदा पर कोई किसी को ना भाया।
हर राज्य की अपनी यहां अलग पहचान है l हर राज्य की अपनी यहां अलग पहचान है l