मेरे सपने part-1
मेरे सपने part-1
मेरे सपने बेहतर कल के लिए
भारत के भविष्य उज्वल के लिए
एक मजदूर के मेहनत का इतना दाम
कि कर सके आवश्कता का इन्तजाम
एक किसान अपना फसल उपजाकर
फांसी न चढ़े मौत को गले लगा कर
उनके बीमारी और मुनियां के शादी में
कभी अन्न न बेचे बिचौलिए को आधी में
उनके मेहनत का मैं हिसाब पूरा दाम दे दूं
उनके जीवन की हर खुशी तमाम दे दु
बेघर बेसहारा जो सोते फुटपाथ पर
बेबसी लिखा कर नहीं आया माथ पर
उन्हें काम उनके खुद का मकान दे दूं
भीख ना मांगें खोया आत्म सम्मान दे दूं
देश सेवा में जीवन निर्वाह करते जो ज़न
सुखमय जीवन के लायक हो उनका वेतन
ताकि भ्रस्टाचार कर लालच न दिखाए
प्रसन्नता से वो हर ज़न कार्य को निपटाए
कानून और काम में कोई भेद न दिखे
ईमान और परोपकार को हर शख्स सीखे
नेता परोपकारी रहें,दुराचारी न कोई दुष्ट रहें
जनता और जनतंत्र से हर कोई संतुष्ट रहें।