मेरे प्रिय पुष्प तुम..
मेरे प्रिय पुष्प तुम..
प्रकृति में
मुझे फूल
बहुत पसंद है।
इसलिए नहीं कि वे
सुंदर दिखते हैं या
कि वे खुशबू बिखेरते हैं।
इसलिए कि वे
इस सख्त दुनिया मे
नरमाई से खिलते है।
सजाए जाते है सेजों पर,
बिछाए जाते है रास्तों पर,
चढाए जाते है ईश्वर की प्रतिमा पर
और उछाले जाते है शवों पर।
मेरे प्रिय
तुम कोमल होकर भी
कितने शक्तिशाली हो,
तोड़े जाते हो
फिर भी मुस्कराते हो
हर सम्भव-असम्भव
क्षण पर।
