मेरे कुछ दोस्त
मेरे कुछ दोस्त
मेरे कुछ दोस्त जो स्कूल में
मेरे साथ पढ़ते थे,
सारा दिन खेलते थे
मेरे लिए दूसरों से लड़ते थे।
अब जब मिलते हैं
एक दो जाम पी लेते हैं,
कुछ बातें करते हैं
कुछ पल अपना बचपन जी लेते हैं ।
मेरे कुछ दोस्त जो कॉलेज की क्लास में
आखरी बेंच पर मेरे साथ होते थे ,
एक कमरे में पत्ते खेलते थे
उसी में सोते थे ।
आज जब कभी फ़ोन पर
उनसे बात होती है,
वो दिन जीने के लिए
दिल तरसता है,आँख रोती है
मेरे कुछ दोस्त जो विदेशों में
जाकर बस गए हैं,
मस्त जिंदगी है लेकिन
कभी लगता है वो फँस गए हैं ।
अपने देश में आते ही
दिल बाग बाग़ हो जाता है,
माँ से जब मिलते हैं
आँखों में नमी ,मन भर आता है ।
मेरे कुछ दोस्त जिन्हे मैं व्हाट्सउप
या फेसबुक पे ही देख पाता हूँ,
कुछ की तो बस फोटो देखि है
नाम तक भूल जाता हूँ ।
जब मेरे स्टेटस या
कविता पे उनकी लाइक आती है,
वक़्त लग जाता है कभी कभी ये सोचने में
के ये मेरे कौन से साथी हैं ।
मेरे कुछ दोस्त जो आज कल
रोज मिला करते हैं,
कुछ दिन न मिलने पर
कुछ अनहोनी से डरते हैं ।
सुबह एक घंटे की सैर
पस्त कर देती है ,
फिर आधे घंटे की गपशप
तरोताज़ा और मस्त कर देती है ।
मेरे सब दोस्त पुराने
अक्सर ये कहते हैं,
मैं उनके दिल में रहता हूँ
वो मेरे दिल में रहते हैं ।
