मेरे हमसफर
मेरे हमसफर
चल किसी खामोश नगरी में
एक प्रेम नगर बसाएं।
दुनिया को भूल जाए।
अपनी दुनिया बनाए।
जहां जीत हो बस प्यार की
रोके रीत न कोई संसार की।
कोई दीवार न हो दरमियाँ।
बस प्रेम प्रेम सा एक जहां।
जहां फासले मुंह मोड़ ले।
जहां डोरिया दम तोड़ दे।
जहां राज करता हो इश्कपन
जहां एक हो हम तन व मन।