मेरे हाल पे हँसने वाले
मेरे हाल पे हँसने वाले
मेरे हाल पे हँसने वाले
मेरे हाल पे हँसने वाले
लबों की हँसी पे न जा
काँटों भरी हथेली देख
फ़क़त कली पे न जा
ख्वाबों में सागर देख के
बहुतों ने करती तारी है
खुद डब के समंदर देख
किस्सा-निगारी पे न जा।
मेरे हाल पे हँसने वाले
मेरे हाल पे हँसने वाले
लबों की हँसी पे न जा
काँटों भरी हथेली देख
फ़क़त कली पे न जा
ख्वाबों में सागर देख के
बहुतों ने करती तारी है
खुद डब के समंदर देख
किस्सा-निगारी पे न जा।