STORYMIRROR

Aashish Deshpande

Tragedy

3  

Aashish Deshpande

Tragedy

मेरा पता

मेरा पता

1 min
361

कई सालों बाद... कल मिली वो..

मुझसे पुछती रही...

कैसे हो, क्या करते हो, कहाँ हो आजकल?

कुछ देर रूककर...

मैने फिर जबाब दिया ..

जिस ऊँची मंजिल में तुम रहती हो

अपने पती और बच्चों के साथ....

ठीक उसी ईमारत के नीचे...

जहाँ दफन है मेरी ख़्वाहिशें, सपने और उम्मीदे ...

बस वहीं खामोश सा रहता हूँ...

तेरी यादों कों संभालते हुऐ


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy