STORYMIRROR
ताज
ताज
ताज
ताज
मैने अक्सर देखा है
कई हसीन चेहरों के पीछे
दर्द की कोई दास्तां हैं
लोग हैरान रहते है
ताजमहल की
खूबसूरती देखकर
अंजान बेखबर के
उसके पीछे
हजारों कलम हुऐ
हाथों की आह है..
More hindi poem from Aashish Deshpande
Download StoryMirror App