मेरा हमसाया
मेरा हमसाया
मेरा हमसाया मेरे हमराज हो तुम
कैसे तुम्हें बताए के मेरे क्या हो तुम
चाहतों में अपनी रखा वो इश्क हो तुम
मेरे मालिक का रहमों करम हो तुम
फूलों से गूंथी वो वनमाला के धागे
मेरे सभी जज्बातों का भंवर हो तुम
दुनिया जिसे पाना चाहें वही दुआ हो तुम
मेरी पतवार, मेरे माझी, मेरे सरताज हो तुम ।

