मेरा देश
मेरा देश
इन्द्रधनुषी रंगों से सजा, इसकी हर छवि निराली है,
अनेकता में एकता की मिसाल, हर सहर इसकी प्यारी है ।।
बोली भाषा अलग अलग पर ,हर दुःख दर्द में एक है ।
मेरे देश की धरती में हरियाली और झरनों का संगीत है।।
भोर की लालिमा लिये, उगते सूरज की छवि है।
इसकी हरी भरी छटाओं में ,बसता कोई कवि है।।
कहीं नीला अंबर तो कहीं बादलों का आवरण है ।
मेरे देश में हर मौसम रंगीन और ख़ुशनुमा वातावरण है।।
