STORYMIRROR

Jyoti Durgapal

Classics

4  

Jyoti Durgapal

Classics

मेरा देश

मेरा देश

1 min
326

इन्द्रधनुषी रंगों से सजा, इसकी हर छवि निराली है,

अनेकता में एकता की मिसाल, हर सहर इसकी प्यारी है ।।

बोली भाषा अलग अलग पर ,हर दुःख दर्द में एक है ।

मेरे देश की धरती में हरियाली और झरनों का संगीत है।।

भोर की लालिमा लिये, उगते सूरज की छवि है।

इसकी हरी भरी छटाओं में ,बसता कोई कवि है।।

कहीं नीला अंबर तो कहीं बादलों का आवरण है ।

मेरे देश में हर मौसम रंगीन और ख़ुशनुमा वातावरण है।।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics