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Ronak Dave

Tragedy

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Ronak Dave

Tragedy

मेरा भारत महान

मेरा भारत महान

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में खुश हूँ की में आज़ाद हूँ, पर तुम हो।

मेरे खयाल से नहीं हो।

क्योंकि तुम देश बेच रहे हो।

हाँ, मैने रास्तों पर देश को बिकते देखा है।

मेरे तिरंगे को खरीदते देखा है।


एक दिन का दिखावा तुम सब को करते

देखा है।

एक दिन के लिए जय हिन्द बोलते देखा है।

एक दिन के लिए जन गण मन गाते देखा है।

एक दिन के लिए सिर्फ अपना स्टेस्ट्स

चढ़ाते देखा है।

फिर दूसरे दिन का आलम कुछ यू होता है।

के मैने तिरंगे को रास्तों पर गिरा देखा है।


जिसको तुम माँ बोलते हो 

उसी ज़मीन पे किसी की माँ बेटी की

इज़्ज़त को जाते देखा है।

राष्ट्रगान के वक्त भी तुम को मैने चलते देखा है।

तब ये भारत चीख चीख के कहता है।

क्या खूब देशभक्ति है, तुम्हारी।

बस एक दिन के लिए भारत को स्वतंत्र देखा है।


                         


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