Vaishnavi Mohan Puranik
Children
गाँव में एक मदारी आया
संग अपने बंदर वो लाया
बंदर ने नाच तमाशा दिखाया
उछल कूद कर सबको हंसाया
इधर उधर चहका फुदका
कभी सीधा खड़ा कभी लुढ़का
सबके मन को खूब भाया
मदारी संग ऐसा बंदर लाया।
कुछ पल का जीव...
घनाक्षरी
वीर तुम बढ़े ...
तेरे बिना मैं...
छूटे ना साथ य...
देखो हमारा नव...
कामयाबी की यह...
लड़कियां
भगवान परशुराम
तुम्हारी याद ...
बचपन में तेरी उंगली पकड़कर चलना, गोदी की पालकी में सुकून से पलना, तेरी लोरी में चाँद तारों से मिलना, ... बचपन में तेरी उंगली पकड़कर चलना, गोदी की पालकी में सुकून से पलना, तेरी लोरी में च...
जिक्र हो होली का महफिल में, तो नवोदय का नाम अपने आप ही आता है। जिक्र हो होली का महफिल में, तो नवोदय का नाम अपने आप ही आता है।
जब नन्हे - नन्हे पावों से चल, पास वो मेरे आते हैंं । हौले से कानो में मेरे। जब नन्हे - नन्हे पावों से चल, पास वो मेरे आते हैंं । हौले से कानो में मेरे...
बाग़ में जब तक उसे न देख लूँ मेरी सुबह की सैर जैसे अधूरी है। बाग़ में जब तक उसे न देख लूँ मेरी सुबह की सैर जैसे अधूरी है।
हम बच्चों को है याद आता, हमारा प्यारा-प्यारा सा स्कूल। हम बच्चों को है याद आता, हमारा प्यारा-प्यारा सा स्कूल।
क्या अब भी मेरी बॉल वहीं फ्रिज पर रखी रहती है क्या मेरी यूनिफॉर्म अभी भी, खूंटी पे टँगी रहती है क्या अब भी मेरी बॉल वहीं फ्रिज पर रखी रहती है क्या मेरी यूनिफॉर्म अभी भी, खूंटी...
कोई तारें बिछा दो फोन की भगवान के घर तक,मुझे माँ तक बात पहुंचानी है। कोई तारें बिछा दो फोन की भगवान के घर तक,मुझे माँ तक बात पहुंचानी है।
फिर भी बात तो एक थी प्यारी -प्यारी यादों को समेटकर उसमें रखना। फिर भी बात तो एक थी प्यारी -प्यारी यादों को समेटकर उसमें रखना।
गया था चूहा इक दिन खाने अनाज बाजार में! गया था चूहा इक दिन खाने अनाज बाजार में!
पीना मुश्किल हुआ है देखो, नल से कब जल आयेगा। पीना मुश्किल हुआ है देखो, नल से कब जल आयेगा।
आज ये एक दुःख़द कल्पना है बच्चों ,तुमसब बच्चे यदि न चेते तो ये कजल की भयवाह सच्चाई है ,अपने जीवन में... आज ये एक दुःख़द कल्पना है बच्चों ,तुमसब बच्चे यदि न चेते तो ये कजल की भयवाह सच्च...
लॉकडाउन से पहले विनती होती मम्मी से हमारी, कभी तो छुट्टी भी करा दो ओ मम्मी मेरी प्यारी लॉकडाउन से पहले विनती होती मम्मी से हमारी, कभी तो छुट्टी भी करा दो ओ मम्मी मे...
गिर जाते हैं मिट्टी में दाने, सूखे फल जो जमा कर रखे थे गिलहरी ने आने वाले समय के लिए टहनियों के ... गिर जाते हैं मिट्टी में दाने, सूखे फल जो जमा कर रखे थे गिलहरी ने आने वाले समय...
तू क्या जाने भेद इस जग का, मैं हर कण का ज्ञान दिलाऊंगी। तू नन्हीं सी चिड़िया मेरी। तू क्या जाने भेद इस जग का, मैं हर कण का ज्ञान दिलाऊंगी। तू नन्हीं सी चिड़िया मे...
नई पौध के नौनिहालों , सीख लो तुम भी पेड उगाना ! नई पौध के नौनिहालों , सीख लो तुम भी पेड उगाना !
कहानी हो या वास्तविकता जीत हम सब जानते हैं बिना रुके मंजिल की ओर बढ़ना इस निरंतरता को। कहानी हो या वास्तविकता जीत हम सब जानते हैं बिना रुके मंजिल की ओर बढ़ना इस निरं...
कितने सुंदर लगते हैं ये , पके पके से आम। तोतापरी दशहरी लंगड़ा , कर्नाटक बादाम। कितने सुंदर लगते हैं ये , पके पके से आम। तोतापरी दशहरी लंगड़ा , कर्नाटक...
बरगद होने के बाद तुम समझोगे प्रकृति और माँ को। बरगद होने के बाद तुम समझोगे प्रकृति और माँ को।
उनके जाने से मानो गिल्लू थी बहुत उदास अब न वो कमरे में आती और न खिड़की के पास।। उनके जाने से मानो गिल्लू थी बहुत उदास अब न वो कमरे में आती और न खिड़की के पा...
कहां खो गए वो हरे भरे खेत, कहां खो गई वो रेत? कहां खो गए वो हरे भरे खेत, कहां खो गई वो रेत?