मछली जल की रानी है
मछली जल की रानी है
रक्षाबंधन पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएं और बधाइयां
बाल कविता
मछली जल की रानी है
वह पानी की दावानी है
पानी से उसका है जीवन
इतनी सी उसकी कहानी है
दिन भर छप छप करती है
पानी में जप तप करती है
रंग बिरंगे कपड़े पहनकर
परियों से भी सुंदर लगती है
घात लगा कर बैठे लोग
कांटा लेकर बैठे लोग
जाल बिछाकर बैठे लोग
छुरी पकड़कर बैठे लोग
जल बिन कैसे मचलती हैं
तड़प तड़प कर मरती है
इंसां से वह डरती है
जल में छुपती फिरती है
जीव सभी हैं अच्छे लगते
बच्चों से मासूम से लगते
अपने करतब से दुख हरते
बच्चों से सब प्रेम है करते
घर में एक्वेरियम रखते लोग
मछली उसमें रखते लोग
कैद करके रखते हैं लोग
अत्याचार हैं करते लोग
सबको है आजादी प्यारी
आजादी होती बड़ी न्यारी
सब जीव जंतु से प्रेम करो
मगर कभी ना कैद करो।
