STORYMIRROR

हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Classics Children

4  

हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Classics Children

मछली जल की रानी है

मछली जल की रानी है

1 min
213

रक्षाबंधन पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएं और बधाइयां

बाल कविता 

मछली जल की रानी है 

वह पानी की दावानी है 

पानी से उसका है जीवन

इतनी सी उसकी कहानी है 


दिन भर छप छप करती है 

पानी में जप तप करती है 

रंग बिरंगे कपड़े पहनकर 

परियों से भी सुंदर लगती है 


घात लगा कर बैठे लोग 

कांटा लेकर बैठे लोग 

जाल बिछाकर बैठे लोग 

छुरी पकड़कर बैठे लोग 


जल बिन कैसे मचलती हैं 

तड़प तड़प कर मरती है 

इंसां से वह डरती है 

जल में छुपती फिरती है 


जीव सभी हैं अच्छे लगते 

बच्चों से मासूम से लगते 

अपने करतब से दुख हरते 

बच्चों से सब प्रेम है करते 


घर में एक्वेरियम रखते लोग 

मछली उसमें रखते लोग 

कैद करके रखते हैं लोग 

अत्याचार हैं करते लोग 


सबको है आजादी प्यारी 

आजादी होती बड़ी न्यारी 

सब जीव जंतु से प्रेम करो 

मगर कभी ना कैद करो।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics