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Himanshu rawat

Abstract Others

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Himanshu rawat

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मौत का बुलावा

मौत का बुलावा

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चलो जिन्दगी

अब तुम्हें ये शरीर छोड़ना पड़ेगा

ऐसे हैरान क्यूँ हो रही हो

वक़्त पूरा हो चुका है तुम्हारा

अब तो जाना ही पड़ेगा तुम्हें

अब इस शरीर का अन्तिम समय आ चुका है

नहीं नहीं मैं कोई बहाना नहीं सुनना चाहती

इतने सालों से मैने तुम्हे बक्शा है

लेकिन आज नही

इतने साल दिये तुम्हे

फिर भी तुम मुझसे और वक़्त मांग रही हो

क्यूँ?


तुम्हें जो करना था उसके लिये

तुम्हें भरपूर वक़्त मिला था ना ?

अगर कोई काम अधूरा रह गया तो

इसमें मेरी क्या गलती

ये तो तुम्हारी गलती है

ये सब तो तुम्हें देखना था

वक़्त का ध्यान तुम्हें रखना था

तुम्हें नहीं पता था क्या

की ये शरीर नश्वर है

इसे भी एक दिन खत्म होना है

हमेशा थोड़ी ना रहेगा ये


चलो अब वक़्त बर्बाद मत करो

जाओ यहाँ से

देखो अब यमराज भी आ गये हैं

उनके काम में अड़चन मत डालो

उन्हे और भी शरीरों से जान निकालनी है

उन्हे भी हिसाब देना पड़ता है ऊपर

अब देर मत करो

चलो जाओ

और अगली बार याद रखना जो भी काम

करना है उसे वक़्त से कर लेना

वरना मैं फिर ऐसे ही आऊंगी

और तुम्हें ले जाऊंगी


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